अब गया के विष्णुपद मंदिर के समीप पूरे वर्ष पानी रहेगा जी हां यहां पर पानी के लिए रबर डैम की व्यवस्था की जा रही है। फल्गु नदी के सतही जल को रोका गया है और पानी जमा करने के लिए कंक्रीट के स्थान पर रबर डैम बनाने की नई तकनीकी का इस्तेमाल, बिहार राज्य पहली बार कर रहा है। इस योजना का प्रारूप आईआईटी रुड़की ने तैयार किया है और इसके साथ ही फल्गु नदी से निकलने वाला दशई पईन तथा बड़की पईन के जरिए से सिंचाई सुविधा के लिए शरीफ गांव में बीयर बनाने की भी योजना है।
गुरुवार के दिन जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने विधान परिषद में यह घोषणा की उन्होंने कहा 266 करोड़ों की लागत वाले रबर डैम बनाने की योजना पर कार्य प्रारंभ हो गया है। 2023 में यह योजना पूर्ण रूप से कंप्लीट हो जाएगी और बीयर बनाने की योजना का भी डीपीआर बन गया है। इसमें लगभग व्यय 100 करोड़ रुपए का होगा, जिसमें 5600 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। उन्होंने कहा फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के वजह से विश्व के कई देशों से आने वाले पार्टकों को दिक्कत होती है। नदी में सिर्फ बरसात में ही पानी रहता है। उसी पानी को जमा करके पूरे वर्ष पानी रखने के लिए रबर डैम बनवाया जा रहा है।
सतही प्रवाह को रोकने के लिए 1031 मीटर में सीट पाइल तथा 399 मीटर में डायफ्राम बनाना है। 108 मीटर की लंबाई में नदी के तल में चट्टान के लेवल तक सीट पायल का कार्य किया जा चुका है। साथ ही बताया सीता कुंड की तरफ पैदल यात्रियों के जाने के लिए पुल का निर्माण होगा और बाएं तट की तरफ एक तथा दाएं तट की तरफ दो घाट बनाए जाएंगे जल संसाधन मंत्री ने कहा बागमती नदी की नई धारा में पानी ले जाने का कार्य इसी वर्ष पूर्ण कर दिया जाएगा।